यान्त्रिक विज्ञान का आदिस्रोत
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यान्त्रिक विज्ञान का आदिस्रोत

“एतद्देशप्रसूतस्य सकाशादग्रजन्मनः| स्वं स्वं चरित्रं शिक्षेरन्, पृथिव्यां सर्वमानवाः||” (मनुस्मृति  – महर्षि मनु 2.20) महर्षि मनु अपने उक्त कथन में स्पष्ट रूप से कहते हैं कि भारतीय ज्ञान-विज्ञान से संयुक्त व्यक्तित्व समस्त विश्व के लिए चरित्र का सच्चा शिक्षक हो सकता है| महर्षि मनु का उक्त कथन प्राचीन भारतीय ज्ञानविज्ञान की उस खाई का वर्णन करता…

मौलिक और सार्वकालिक सिद्धान्तों का आदिस्रोत वेद
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मौलिक और सार्वकालिक सिद्धान्तों का आदिस्रोत वेद

“यः कश्चित् कस्यचिद्धर्मो मनुना परिकीर्तितः। स सर्वोSभिहितो वेदे, सर्वज्ञानमयो हि सः।।” – मनुस्मृति – महर्षि मनु 2.7 अखिल ज्ञान का मूल वेदों को अखिल ज्ञान का मूल बताते हुए महर्षि मनु इन्हें समस्त ज्ञान का आगार कहते हैं और बड़ी ही सहजता, तार्किकता और दृढता के साथ वेदोक्त कार्यों को धर्म और इन वेदों में…