भारतीय ज्ञान परम्परा by Ashutosh Pareek
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प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की गौरवमयी परम्परा

“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे, संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।।” प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की गौरवमयी परंपरा समस्त जगत् को आलोकित करने वाली है। संस्कृत भाषा में ज्ञान-विज्ञान की महती शृंखला है जो वर्तमान वैज्ञानिक जगत् के लिए कौतूहल का विषय ही है। आज जहाँ एक ओर आधुनिक विज्ञान समुन्नत अवस्थिति में दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके दोष…

विज्ञान-वरदान-या-अभिशाप-explained-by-Ashutosh-Pareek
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वैज्ञानिक और तार्किक चिन्तन का परिणाम: सनातन दृष्टि

“संगच्छध्वं संवदध्वं, सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे, सञ्जानाना उपासते।।” ऋग्वेद 10.191.2 “साथ चलने, एक स्वर में बोलने और एक दूसरे के मन को जानने वाला समाज ही अपने युग को बेहतर बनाने की सामर्थ्य से युक्त हो सकता है और ऐसे युग में जीने वाले स्वयं के लिए बेहतर वर्तमान और आने…

bhartiya sanskriti explained by Ashutosh Pareek
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भारतीय संस्कृति : एक अनुपम यात्रा (सोपान १)

भारतीय संस्कृति : एक अनुपम यात्रा – सोपान – 1 “भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे, संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।।” भारत के भारत होने का मूल है संस्कृत और संस्कृति। “संस्कृति” जीवन का आधार है और “संस्कृत” उससे जुड़ने का सशक्त माध्यम। इन दोनों की पारस्परिक सुदृढता ही भारत को (भा+रत) “भा” अर्थात् ज्ञान रूपी प्रकाश में “रत” लगातार अग्रसर…