Sanskrit Journals (Peer Reviewed/ Refereed/UGC Care Journals)
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Sanskrit Journals (Peer Reviewed/ Refereed/UGC Care Journals)

Name of the Journal Publication detail ISSN No. Website Ajasra (अजस्र) Akhila Bharatiya Sanskrit Parishad, Lucknow 2278-3741 https://www.absplko.in/ajasraa/ Amnayiki (आम्नायिकी )(Print only) Faculty of Sanskrit Vidya Dharma Vigyan, Banaras Hindu University 2277-4270   Anusandhanvallari(अनुसंधानवल्लरी)(print only) Shri Pattabhirama Shastri Veda Mimamsa Anusandhan Kendra 2229-3388 http://www.psvmkendra.com/ Aranyakam (आरण्यकम्) Sanskrit Prasar Parishad 0975-0061 http://aranyakam.in/ Bhasvati (भास्वती)(print only) Mahatma…

संस्कृत-समुपासका: (भाग 1)
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संस्कृत-समुपासका: (भाग 1)

संस्कृतव्यक्तित्वम् | Sanskrit Personalities ऊपर एक चित्र दिया गया है। ध्यान से देखकर इनके नाम बताइए: आधुनिक काल में संस्कृत भाषा के अनेक समुपासकों में से कुछ मोती यहाँ हैं और ऐसे अनेक रत्न संस्कृत समाज को गति प्रदान कर रहे हैं। इन रत्नों के बारे में जानना प्रत्येक संस्कृतानुरागी के लिए हर्ष और उत्साह…

नागार्जुन द्वारा लिखित ’’बलचनमा’’ का संस्कृत अनुवाद ’’बालचन्द्रः” : एक परिचय
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नागार्जुन द्वारा लिखित ’’बलचनमा’’ का संस्कृत अनुवाद ’’बालचन्द्रः” : एक परिचय

पुस्तक – बालचन्द्रः मूललेखक – नागार्जुन (हिन्दी – बलचनमा) संस्कृतानुवादक – डॉ. हृशीकेष झा प्रकाशक – संस्कृतभारती, नवदेहली प्रकाशन वर्ष – 2021 पृष्ठ संख्या – 6+132 प्रख्यात कवि और कथाकार नागार्जुन का एक सशक्त मूलतः हिन्दी में लिखा आंचलिक उपन्यास है ’’बलचनमा’’, जिसका संस्कृत अनुवाद ’’बालचन्द्रः’’ इस शीर्षक के साथ डॉ. हृषीकेश झा द्वारा किया…

नागार्जुन द्वारा लिखित उपन्यास “बटेसरनाथ” के संस्कृत अनुवाद “वटेश्वरनाथ:” की समीक्षा
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नागार्जुन द्वारा लिखित उपन्यास “बटेसरनाथ” के संस्कृत अनुवाद “वटेश्वरनाथ:” की समीक्षा

पुस्तक – वटेश्वरनाथः मूल लेखक – नागार्जुन (हिन्दी – बटेसरनाथ) संस्कृतानुवादक – डाॅ. हृषीकेश झा प्रकाशक – प्रत्नकीर्ति प्राच्य शोध संस्थान, वाराणसी प्रकाशन वर्ष – 2021 पृष्ठसंख्या – 8 +126 यदि यह कहना सच है कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है, तो यह कहना उसी सच को रेखांकित करना होगा कि नागार्जुन के…