Sanskrit Journals by Ashutosh Pareek
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Sanskrit Journals (Peer Reviewed/ Refereed/UGC Care Journals)

Name of the Journal Publication detail ISSN No. Website Ajasra (अजस्र) Akhila Bharatiya Sanskrit Parishad, Lucknow 2278-3741 https://www.absplko.in/ajasraa/ Amnayiki (आम्नायिकी )(Print only) Faculty of Sanskrit Vidya Dharma Vigyan, Banaras Hindu University 2277-4270   Anusandhanvallari(अनुसंधानवल्लरी)(print only) Shri Pattabhirama Shastri Veda Mimamsa Anusandhan Kendra 2229-3388 http://www.psvmkendra.com/ Aranyakam (आरण्यकम्) Sanskrit Prasar Parishad 0975-0061 http://aranyakam.in/ Bhasvati (भास्वती)(print only) Mahatma…

Ashutosh Pareek Sanskrit
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Meet Dr. Ashutosh Pareek

Educator, Author & Sanskrit Promoter Sanskrit Connect: Reviving the Heart of Sanskrit १. विद्यार्थिहिताय (For Students): Empowering the next generation with engaging programs like interactive talks, skill-building courses, creative workshops, and immersive Sanskrit activities. Discover career paths in Sanskrit and join a vibrant community of young learners. २. शिक्षकहिताय (For Teachers):  Equipping educators with innovative…

Ancient Indian Knowledge by Ashutosh Pareek
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भारतीय ज्ञान-विज्ञान की अनन्त शाखाएँ और अनन्त संभावनाएँ

भाग 6 संस्कृत, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान : एक अनुपम संगम भारतीय ज्ञान-विज्ञान की अनन्त शाखाएँ और अनन्त संभावनाएँ (Infinite branches and infinite possibilities of Indian knowledge and science) “वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।” – स्वामी दयानंद सरस्वती, आर्यसमाज का तीसरा नियम वैदिक साहित्य…

Sanskrit : Learn, Speak, Relate & Inspire
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Sanskrit : Learn, Speak, Relate & Inspire

डॉ. आशुतोषपारीक: (शिक्षक: लेखक: संस्कृतसंवर्धकश्च) सह-आचार्य:, संस्कृतविभाग:, सम्राट् पृथ्वीराजचौहान-राजकीयमहाविद्यालय:, अजयमेरु:, राजस्थानम्, भारतम् Topics for Workshops, Symposium or Talk: Dr. Ashutosh Pareek Email: namaste.ashutoshpareek@gmail.comWebsite: https://ashutoshpareek.com/

संस्कृत-समुपासका: (भाग 1)
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संस्कृत-समुपासका: (भाग 1)

संस्कृतव्यक्तित्वम् | Sanskrit Personalities ऊपर एक चित्र दिया गया है। ध्यान से देखकर इनके नाम बताइए: आधुनिक काल में संस्कृत भाषा के अनेक समुपासकों में से कुछ मोती यहाँ हैं और ऐसे अनेक रत्न संस्कृत समाज को गति प्रदान कर रहे हैं। इन रत्नों के बारे में जानना प्रत्येक संस्कृतानुरागी के लिए हर्ष और उत्साह…

इतिहास, वर्तमान और भविष्य (भाग 1)
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इतिहास, वर्तमान और भविष्य (भाग 1)

संस्कृत पत्रकारिता (Sanskrit Journalism) – भाषा की दृष्टि से विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक और गौरवमय इतिहास की प्रेरिका एवं साक्षी रही संस्कृत भाषा वर्तमान युग में निश्चय ही पत्रकारिता एवं मीडिया को प्रभावित करने की असीम सम्भावनाओं से परिपूर्ण है। आज जबकि भारत में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया बहुत तेज़ी से पैर पसार रहा…

Learn Sanskrit by Google | गूगलद्वारा संस्कृतम्
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Learn Sanskrit by Google | गूगलद्वारा संस्कृतम्

‘गूगल’ (www.google.com) पर संस्कृतभाषा के विषय में संस्कृतान्वेषण के समय प्राप्त परिणामों की संख्या आश्चर्य उत्पन्न कर देने वाली है। हम जानते हैं कि यह मात्र शब्दगणना है तथापि इनमें से मात्र 1% तक भी हम अपनी पहुँच के बारे में चिन्तन प्रारम्भ करें तो भी यह संस्कृत की महान् सम्पदा के रूप में दिशा…

संस्कृत, संस्कृति और विज्ञान का समागम : संस्कृतायनम्
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संस्कृत, संस्कृति और विज्ञान का समागम : संस्कृतायनम्

संस्कृत भाषा हर युग के विद्यार्थी, शिक्षक और समाज के हृदय की भाषा बनने की सामर्थ्य रखती है. समाज संस्कृत से जुड़ना चाहता है किन्तु सम्भवतः हम उनके हृदय तक पहुँच विकसित करने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं. अतः संस्कृत और समाज को जोड़ने का यह एक प्रयास है. “संस्कृतायनम्” के…

Sanskritaayanam
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संस्कृतायनम् | Sanskritaayanam

संस्कृत, संस्कृति और विज्ञान का समागम : संस्कृतायनम् संस्कृत भाषा हर युग के विद्यार्थी, शिक्षक और समाज के हृदय की भाषा बनने की सामर्थ्य रखती है. समाज संस्कृत से जुड़ना चाहता है किन्तु सम्भवतः हम उनके हृदय तक पहुँच विकसित करने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं. अतः संस्कृत और समाज को…

भारतीय ज्ञान परम्परा by Ashutosh Pareek
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प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की गौरवमयी परम्परा

“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे, संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।।” प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की गौरवमयी परंपरा समस्त जगत् को आलोकित करने वाली है। संस्कृत भाषा में ज्ञान-विज्ञान की महती शृंखला है जो वर्तमान वैज्ञानिक जगत् के लिए कौतूहल का विषय ही है। आज जहाँ एक ओर आधुनिक विज्ञान समुन्नत अवस्थिति में दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके दोष…