Dr. Ashutosh Pareek
डॉ. आशुतोष पारीक
नमो नमः!
संस्कृतसंसारः अभिनवप्रयोगाणां, नूतनविचाराणां समृद्धपरम्पराणां च रत्नाकरः। अस्माकं प्रयासा: तस्यैव कोशस्य प्रतीकत्वेन भूयासुरिति कामना…
आगच्छन्तु… संस्कृतक्षेत्रे नूतनमार्गाणाम् अन्वेषणं कुर्म:.. प्राग्भूतानां च संरक्षणं कुर्म:….
संस्कृतविश्वं समर्थविश्वम्…
डॉ. आशुतोष: पारीक:
संस्कृतायनम् by Ashutosh Pareek
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Passionate Sanskrit Promoter. He has experience of twenty years of teaching & research.
He promotes Sanskrit through workshops, symposiums, talks & writing on topics related to Indian Knowledge System.
संस्कृत भाषा की उपादेयता सार्वकालिक और सार्वस्थानिक है…. बस आवश्यकता है एक साथ मिलकर ह्रदय से इसे स्वीकारने और सक्रियता के साथ इसे जन-जन तक पहुँचाने की…
आगच्छन्तु संस्कृतं वदामः…. वदतु संस्कृतं… जयतु भारतम्….
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Nutrition & Brain Development of A Foetus (Ancient and Modern Scientific Perspectives)
Birth is a process of bringing forth a child who is originally a potent blend of the Panchamahabhutas. It grows for nearly forty weeks in the womb. Each month brings about drastic changes, not only in the women’s body, but also results in growth and development of the foetus at a rapid pace.
संस्कृत साहित्य में मानवमूल्य परम्परा
भारतीय ज्ञान परम्परा की अनवरत धारा में प्रवाहित होने के लिए डॉ. आशुतोष पारीक द्वारा सम्पादित एवं अभिनव प्रकाशन द्वारा वर्ष 2024 में प्रकाशित “संस्कृत साहित्य में मानवमूल्य परम्परा” नामक सम्पादित पुस्तक आपको समर्पित है। पुस्तक में डॉ. आशुतोष पारीक के सम्पादकीय एवं आदरणीया प्रो. दीप्ति शर्मा त्रिपाठी के शुभकामना सन्देश के साथ कुल 26 उत्कृष्ट आलेखों का प्रकाशन किया गया है।इस पुस्तक में प्रकाशित सारगर्भित आलेखों की आहुति प्रदान करने के लिए प्रो. प्रमोद कुमार वैष्णव बाँसवाड़ा, डॉ. आशा सिंह रावत ग्वालियर, डॉ. गीता शुक्ला लखीमपुर-खीरी, प्रो. बाबूलाल मीना भरतपुर, डॉ. सारिका वार्ष्णेय अलीगढ़, डॉ. शोभा प्रजापति इन्दौर, डॉ. गुंजन गर्ग करौली, डॉ. पवनकुमार शर्मा कोटा, डॉ. सत्यवती चुरू, डॉ. मनीलता पचानौत बूंदी, डॉ. आशुतोष पारीक अजमेर, डॉ. मुकेश जैन बाड़मेर, श्रीमती अर्चना भार्गव अजमेर, डॉ. गिरीश कुमार शिमला, डॉ. मृणालिनी आबासाहेब शिन्दे कराड, डॉ. वर्षा खण्डेलवाल अलवर, प्रो. कामना सहाय ब्यावर, डॉ. दिनेश शर्मा भारद्वाज शिमला, डॉ. वेदप्रकाश पाण्डेय शिमला, डॉ. दिनेश शर्मा दरभंगा, श्रीमती प्रीति शर्मा ब्यावर, श्री रमन शर्मा जम्मू, डॉ. अंजुम आरा नाथद्वारा, श्रीमती इला पारीक बीकानेर, डॉ. गायत्री बैरवा जयपुर एवं डॉ. शैलजा रानी अग्निहोत्री ब्यावर का हार्दिक आभार है। हमें पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक पाठकों के लिए उपादेय सिद्ध होगी।
अभिनवभारतस्य युगचेतानाया प्रणेता महर्षिदयानन्दसरस्वती
(समीक्ष्यमहाकाव्यानां समीक्षात्मिकी दृष्टि:)
पुस्तकपरिचय:
“अभिनवभारतस्य युगचेतनायाः प्रणेता महर्षि दयानन्दसरस्वती” पुस्तकमिदं शोधपरकगवेषणाया: परिणामोऽस्ति। संस्कृतमहाकाव्यानां महती परम्परा आधुनिककालेऽपि अनवरतरूपेण प्रवहमाणा आसीत्। आर्यसमाजस्य संस्थापकत्वेन नवजागरणस्य पुराधात्वेन प्रसिद्ध: महर्षिः दयानन्दसरस्वती आधुनिकभारतस्य महान् नायक आसीत्। आर्यसमाजीयसंस्कृतानुरागिभिः स्वामिदयानन्दस्य नायकत्वं कविदृष्ट्या वर्णितम्। पुस्तकेऽस्मिन् आलोच्यमहाकाव्यानां साहित्यिकावदानस्य विश्लेषणं कुर्वन् तत्कालीनभारतस्य सामाजिकी-सांस्कृतिकी-राष्ट्रियपरिस्थितीनां युगचेतनायाश्च दिग्दर्शनाय उपक्रमः कृतः।
सामाजिक चेतना के संवाहक स्वामी दयानन्द सरस्वती
“सामाजिक चेतना के संवाहकः स्वामी दयानन्द सरस्वती” यह पुस्तक एक ऐसे शोध का परिणाम है जिसके माध्यम से आर्यसमाज के संस्थापक और नवजागरण के पुरोधा स्वामी दयानन्द सरस्वती के सामाजिक कार्यों को उन्हें नायक के रूप में स्थापित करने वाले संस्कृत महाकाव्यों की दृष्टि से देखने का प्रयास किया गया है। इन महाकाव्यों के अनुशीलन से तत्कालीन समाज के वास्तविक स्वरूप के दिग्दर्शन एवं स्वामी दयानन्दकृत कार्यों की काव्यमय प्रस्तुति प्रत्येक साहित्यानुरागी के लिए सामाजिक चेतना की संवाहिका होगी तथा इन संस्कृत महाकाव्यों के प्रति पाठकों में आकर्षण उत्पन्न करेगी।
संस्कृत में नवाचार
पुस्तकपरिचय:
A new book about Innovative ideas implemented in Sanskrit teaching learning…
नमोनम:!
आपकी प्रेरणा से संस्कृत के अभिनव प्रयोगों और नवाचारों को आप तक पहुँचाती एक पहल के रूप में “संस्कृत में नवाचार” पुस्तक का प्रकाशन सम्भव हुआ…
शीघ्र ही यह पुस्तक Amazon, Flipkart आदि पर उपलब्ध होगी।
- डॉ. आशुतोष पारीक